समांग बंध विखण्डन
समांश विखण्डन का सहसंयोजक बन्ध सममित रूप से टूटता है आर बांध के दोनों परमाणु अपने साझे के इलेक्टोन को लेकर अलग हो जाते है और मुक्त मूलन बन जाते है।
R:X समांग विखण्डन R+X
Cl:Cl______> Cl+Cl क्लोरीन मुक्त मूलक
मुक्त मूलको पर कोई आवेश नही होता है । ये अत्यंत ही अस्थायी होते है तथा स्थायित्व प्राप्त करने के लिये शीध्र हो क्रिया कर लेते है ताकि साझे का इलेक्ट्रान जोड़ा पुन प्राप्त हो जावे । इनका निमार्ण क्षिणक होता है।
विषमांग बांध विखण्डन
इस प्रकार के विखण्डन के सहसंयोजक बन्ध का विदलन असममित रूप से होता है साझे का इलेक्टोन जोड़ा किसी एक खण्ड पर चला जाता है और इस प्रकार दो आवेश युक्त आयन प्राप्त होते है धनात्मक एवं rinatmak ऋणात्मक।
उपरोक्त उदाहरण में दो आवेशित भाग धन आयन एव् ऋणायन बनते है। यदि R कोई ऐलिकल मूलक है जिस पर धन या ऋणा आवेश हो सकता है।
जब धनायन R^+में धन आवेश कार्बन परमाणु पर उप्सिथता होता है तब इसे कार्बीनियम आयन या कार्बोनियम कहते है और यादि ऐलिकल समूह के कार्बोन पर ऋणावेश उपस्तिथता होता है तब इसे कर्बीनियन कहते है ।
कर्बोकेटायन के कार्बन परमाणु की बह्मतम कक्षा में 6 इलेक्टोन होते है कर्बोनियम के काबर्न परमाणु पर 8इलेक्टोन उपस्तिथत होते है कर्बोनियम आयन (C+)इलेक्टोफिलिक अभिकर्मक तथा कार्बीनियन (C+) न्यूकिल्यो - फिलिक अभिकर्मक की भाँति कार्य करते है तथा कार्बोनिक अभिक्रियाओ में ये आयन प्राय: मध्यवती के रूप में कार्य करते है ।
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