कार्बोकेटायन आयन क्या है ये किसे प्रकार बनते है इसके संरचना तथा स्थायित्व की व्याख्या कीजिये ।
कार्बोकेटायन (carbocation) यदि किसी कार्बोनिक यौगिक में समूह की तुलना में X की विधुतन्नणता अधिक हो तो का विषमंगा विदलन इस प्रकार होगा _
इस प्रकार के विदलन में सहसंयोजक बंध के दोनों इलेक्टोन X के साथ चले जाते है जिससे कार्बन परमाणु के अष्टक में दो इलेक्टोनो की कमी हो जाती है। इससे उसके संयोजकता कोश में केवल 6 इलेक्टोन रह जाते है। इस प्रकार प्रप्त धानयन को कार्बोकटेयन कहते है।
अत:इसके कार्बोकेटायन वे केटायन होते है जिसमे कार्बन पर धन आवेश उपस्थित रहता है । इस कार्बन की बह्मतम कक्षा में 6 इलेकटोन होते है ।
उदाहरण
CH3X का विषमांग विदलन इस प्रकार होता है
इसका इलेक्ट्रानिक सूत्र
कार्बोकेटयनो के कुछ अन्य उदाहरण
मेथिल कार्बोकेटायन (मेथिल धनायन)
एथिल कार्बोकेटायन (एथिल धनायन प्राथमिक 1)
आइसो प्रोपिल कार्बोकेटायन (आइसो प्रोपिल धनायन दितीयक 2)
तृतीयक ब्यूटिल कार्बोकेटायन (तूतीयक ब्यूटिल धनायन3)
कार्बोकेटायनो का बनना
कार्बोकेटायन विषम अपघटन ओलिफिनो के प्रोटानीकरण या डाईजो यौगिको के अपघटन दारा प्राप्त किये जा सकते है।
(1) विषम अपघटन
(2) प्रोटोनीकरण
(3) अपघटन
कार्बोकेटायनो का स्थायित्व
ऐल्किल समूह +I प्रभाव डालते है । ये इलेकटोंन प्रतीकषि होते है।। मेथिल समूह एक इलेक्टोन निमोची समूह है । भौतिक के सिदान्त के अनुसार किसी भी आवेश युक्त निकाय का स्थायित्व आवेश के फैलाव बिखराव या प्रसार में वूदि होने पर बढ़ता है। अत: वे सभी कारक जो किसी परमाणु पर उपसियत्व आवेश को फैलाव में सहायक है उस आवेशिक परमाणु के स्थियत्व को बढ़ते है कार्बधनायनो के भौतिक व् रसायनिक गुणों से यह स्पष्ट है कि उनके धनात्मक C परमाणु से जितने अधिक ऐल्किल समूह जुडे होंगे वे उतना ही अधिक स्थायी होंगे।
कार्बोकेटायनो में सबसे कम स्थायी मेथिल कार्बोकेटायन है क्योकि इसके धनात्मक कार्बन परमाणु के साथ एक भी मेथिल अथवा ऐल्किल समूह संलग्न नही है । अत:कार्बोकेटायनो के स्थायित्व का क्रम यह है
3>2>1>CH3+
प्रोपिल कार्बोकेटायन CH3_CH2_CH2+ में अनुनाद सम्भव नही होता ।
कार्बोकेटायन की संरचना
प्रत्येक कार्बोकेटायन का कार्बन परमाणु SP2 संकरित अवस्था में होता है जिसके तीन संकरित कक्षक समतल में अन्य परमाणुओ या समूहो से समाक्ष अतिव्यपन दारा तीन सिग्मा बंध बनते है । प्रत्येक संकरित कक्षको के मध्य 120 का कोण होता है । कार्बोकेटायन में उपस्थित असंकरित P कक्षक रिकत होता है जो संकरित कक्षको के लम्बवत होता है ।
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