Sunday, April 11, 2021

Bsc 1st year organic chemistry zoology botany notes hindi me 2021-2020

किरैलता से आप क्या समझते है

किरैलता

कोई पदार्थ या अणु के जिसके उसके दर्पण प्रतिबिम्ब पर अध्यारोपित नही किया जा सकता किरैल पदार्थ या अणु कहलाता है । 
किरैल अणु विसममित होते है एव इनमे ध्रुवण धूर्णकता पायी जाती है ध्रुवण धूर्णक कबर्निक यौगिको में किरैल केन्द प्राय: असममित कार्बन परमाणु होता है।

किरैल - 

दायें और बाये हाथ का जोड़ा जूतो का जोड़ा P,J,F अक्षर आदि ।

ऐकिरैल-

गेंद गोला A,O,M आदि ।
एकिरैल यौगिको या पदर्थो में एक सममिति तल होता है। यह सममिति तल एकिरैल अणु को दे एकसमान अध्रो में विभाजित करता है।

किरैल अणुओ में कोई सममिति तल नही होता । असममित वस्तु अपने दर्पण प्रतिबिम्ब से अध्यारोपित नही होती परन्तु सममित वस्तु हो जाती है। उदाहरणार्थ हमारे दोनों हाथ एक -दूसरे के साथ दर्पण प्रतिबिंम्ब के समान सम्बधिंत है परन्तु एक - दूसरे पर अध्यारोपित नही हो पाते है यादि एक हाथ दूसरे हाथ पर सीध रखा दिया जाए तब एक हाथ का अगुढ़ा दूसरे हाथ की पांचवा ऊँगली पर पड़ेगा और एक दूसरे का अतिव्यापन नही कर  सकते है अतः हमारा हाथ असममित है। किरैलिटी को विसममित तथा एकिरैलिटी को सममित कहते है।
E।      :     E।   chiral
A।      :     A     Achiral
 

 कबर्निक यौगिको में किरेलिटी के कारण 

कार्बन परमाणु की चारो संयोजक्ताए सम चतुफल्कीय के चारो कोनो की ओर निदर्श करती है। सम चतुष्फलक कार्बन परमाणु से जुड़े हुऐ चारो परमाणु अथवा समूह यादि भिनन -भिनन हो तो ऐसे कार्बन परमाणु को असममित कार्बन या किरेल काबर्न है।




No comments:

Post a Comment

विशिष्ट घूर्णन क्या है तथा किन बातो पर निर्भर करता है ?

 विशिष्ट घूर्णन क्या है तथा किन बातो पर निर्भर करता है विशिष्ट घूर्णन  कोई प्रकाशिक समावयवी समतल धुर्वित प्रकाश के तल को जितने अशं से घुमाता...