मुकत मूलक क्या है ये कितने प्रकार के बनते है इसके संरचना एवं विधि
मुकत मूलक
सहसंयोजक बंध के समांग विखण्डन से मुकत मूलक बनते है जैसे का समांग विखण्डन होने पर C_X बंध के इलेक्टोन युग्म दोनों परमाणुओ पर बराबर के वितरित हो जाते है इस प्रकार अत्यन्त क्रियाशील अवयव बनते है इससे मुक्त मूलक कहते है
कुछ कार्बनिक मुक्त मूलक निम्नलिखित्
मुक्त मूकलो का बनाना
क्लोरीन अणु का साधरण प्रकाश में Cl मूलको में विखण्डन हो जाता है टेटामेथिल लेड उच्च ताप पर अपघटित होकर मुक्त मूलक बनाता है।
मुक्त मूलक की संरचना
मुक्त मुलक एक समतलीय स्पीशीज़ होता है जिसमे विषम इलेक्टॉन युक्त कार्बन परमाणु Sp2 संकरित अवस्था में है जिनके तीन Sp2 संकर कक्षक समतल तीकोण के कोणों की ओर व्यवरिथत रहते है उनमे से किन्हीं दो बंधो के मध्य 120कोण होता है p कक्षक की एक पाली तल के ऊपर तथा दुसरी तल के नीचे रहती है।
मुक्त मूलकओ का स्थायित्व
कार्बोकेटायन के समान ही मुक्त मूलकओ का स्थायित्व अतिसंयुगमन प्रभाव के आधार पर समझया जा सकता है।
जब मुक्त मूकलो में अनुनाद की संभावना पायी जाती है तब इसका स्थायित्व इलेक्टोनो के विस्थनिकरण के साथ साथ बढता जाता है टाइफेनिल मेथिल ^डाइफेनिल मेथिल ^ बेजिल ^ ऐलाइल ^ ततीयक ऐलिकल ^दितीयक ऐलिकल^ प्रथमिक ऐलिकल मेथिल
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