Wednesday, March 3, 2021

Bsc 1st year Botany in Hindi unit 1 viruses

 विषाणु क्या है विषाणुओ की संरचना विषाणुओ के प्रकति एंव गणु 

विषाणु(virus)-

विषाणु अकोशिकीये परासूक्ष्मदर्शीय प्रोटीन के आवरण में स्थित नाभिकीय अम्लों की बनी ऐसी संरचना है क़ि केवल जीवित कोशिकाओ के अंदर ही जनन कर सकती है और जीवित कोशिकाओ के बाहर एक रसायनिक अणु के रूप में होती है इसमें रोग उत्पानं करते की क्षमता भी पायी जाती है इन्हें केवल इलेक्ट्रान सूक्ष्मदर्शी के दारा ही देखा जा सकता 
विषाणु क(virus) शब्द ग्रीक शब्द वाइवम् (vivum)से लिया गया है  जिसका शादिक् अर्थ तरल विष (liquid poison)होता है विषाणु पौधों  एंव जन्तुओ में रोग उत्पान करते है कॉसियस ने सर्वप्रथम ट्यूलिप( tulip) के पौधों में प्रथम विषाणु रोग की खोज की तथा इन्होंने इसे टयूलिप ब्रीक(tulip break) नाम दिया था स्विक्टेन (swicten 1857) ने सर्वप्रथम T.M.Vको रवे के रूप में प्राप्त किया था । विषाणु प्रया नभिकीय अम्ल एंव प्रोटीन के बने होते है । पादप विषाणुओ में नाभिकीय में अभिकीय अम्ल RNA पाया जाता है जब क़ि जंतु विषाणुओ में DNA पाया जाता है।

विषाणु कि संरचना 

बॉडेन (1936) में एव् डार्लिगटन (1944) ने विषाणुओ की संरचना का अध्ययन किया था। इनके अनुसार विरियान दो भागो में होता है 
1) प्रोटीन आवरण एंव 
2)नभिकीय अम्ल से बना होता है _
टोबैंको मोजैइक वाइरस (T.M.V) का इलेक्टोन सूक्ष्मदशीय अध्ययन करने पर क्षात होता है कि यह एक छंड़कार  क्रिस्टल के रूप में होता है जिसका आकार 15×300nm होता है फेकलिंन क्लग एवं होलमेज के अनुसार T.M.V का बाह्म आवरण प्रोटीन का बना होता है जिसे कैप्सिड(capsid) कहते है । प्रत्येक कैप्सिड प्रोटीन की छोटी छोटी उप इकाइयों का बना होता है जिन्हें कैप्सोमेरेस (capsomerese)कहते है। प्रत्येक विषाणु में इनकी संख्या निशिचत होती है । T.M.Vमें कैप्सोमेरेस  की संख्या 2130 होती है प्रत्येक कैप्सोमेयर्स में लगभग 150अमीनो अम्ल पाये जाते है । T.M.V का लगभग 95% भाग प्रोटीन का बना होता है 

विषाणुओ की प्रकति 

विषाणुओ के लक्षणों के आधार पर उनकी प्रकति का अध्ययन निमनलिखित बिन्दुओ के अंतगर्त किया जाता है

 A) विषाणुओ की निजीवो से समानताए

1)विषाणुओ को रवे के रूप में प्राप्त किया जा सकता है 2)इनमे शवसन क्रिया नही होती है 
3)इनमे कोशिका भिति (cell wall) एवं जीवद्रव्य (protoplasm)का अभाव होता है ।
4)इसमें एंजाइमो का अभाव होता है 
5) ये स्वयं उत्प्रेक होते है।

B)विषाणुओ की सजीवों से समानताए

1)इसमें वूदि एवं प्रजनन होता है 
2)ये केवल जीवित कोशिकाओ में ही परजीवी होते है अर्थात ये अनिवार्य परजीवी होते है।
3)ये प्रोटीन एवं नभिकीय अम्लों के बने होते है जिनका अणुभार अत्यधिक होता है
4)ये केवल जीवित पोषक के अंदर ही जनन कर सकते है 
5)इसमें उच्च् अनुकूलन क्षमता पायी जाती है 
6)इसमें गुणन केवल जैविक कोशिकाओ में ही संभव होता है 













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